बुधवार, 7 सितंबर 2011

उड़ीसा अब ओडि‍शा होगा और उड़ि‍या भाषा अब ओडि‍या होगी

संसद के दोनों सदनों ने उड़ीसा राज्य का नाम ओडि‍शा रखने पर मोहर लगा दी। अब केवल राष्ट्रपति‍ के हस्ताक्षर की देर है। मंगलवार 6 सि‍तम्‍बर को संसद में उड़ीसा बि‍ल लोकसभा में पारि‍त हो गया।
प्राचीनकाल में उत्कल,दक्षि‍ण कौशल आदि‍ के नाम से भी प्रख्यात था। महाभारत काल में यह चेदि‍ और मत्स्‍य नाम से भी पहचाना जाता था। दशरथ पत्नी कौशल्या यहॉं की ही पुत्री थी, राजा वि‍राट् मत्स्‍य देश के राजा थे जि‍नके यहाँ पाण्डवों ने अज्ञातवास काटा था। इसका सबसे चर्चि‍त और लंबे समय तक चला नाम नाम कलिंग था। ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में (ई0पू0 268) मौर्य सम्राट् अशोक ने कलिंग को जीतने के लि‍ए सशक्त सेना भेजी। कलिंग पराभूत हो गया किंतु वहाँ के जनसंहार ने अशोक को बदल दि‍या, उसने बौद्घ धर्म अपना लि‍या। अशोक की मृत्यु के बाद कलिंग फि‍र स्‍वाधीन हो गया। भारत के पूर्वी तट पर झारखण्ड, बि‍हार, आंध्रप्रदेश, मध्य‍प्रदेश और बंगाल की खाड़ी से घि‍रा यह राज्य वि‍ख्यात चि‍लका झील के लि‍ए प्रसि‍द्ध है। अशोक के बाद खारवेल के शासन तक यह राज्य शक्ति‍शाली रहा। बाद में सभी राजाओं ने इसे लूटा,यहाँ तक कि‍ समुद्रगुप्त ने भी इसे तहस-नहस कि‍या। अंत में हर्ष ने से अपने अधीन कर लि‍या। 795 ई0 में महाशि‍वगुप्त ययाति‍ द्वि‍तीय के शासन काल इसका स्वंर्णकाल कहलाया। कहते हैं इसी ने पुरी का वि‍ख्यात जगन्नाथ मंदि‍र बनवाया। नरसिंह देव ने कोणार्क मंदि‍र बनवाया। 1592 ई0 में अकबर ने इसे मुग़ल साम्राज्य में वि‍लय कर लि‍या। मुग़लों के पतन के बाद 1803 तक यह मराठों के कब्ज़े में रहा। उसके बाद यह अंग्रेजों के शासन में आ गया। 1949 में यह एक स्वतंत्र राज्य बना। मंदि‍रों का शहर भुबनेश्वर इस राज्य की राजधानी है। इससे पहले इसकी राजधानी कटक थी। पुरी (जगन्नाथ पुरी) समुद्रतटीय शहर है। कटक का बाराबती कि‍ला ऐति‍हासक स्थवल है। संबलपुर के पास हीराकुण्ड बाँध वि‍श्व का चौथा सबसे बड़ा बाँध है। ओडि‍शा में चक्रवात आते रहते हैं, सबसे तीव्र चक्रवात 1999 में आया था। यह सम्पूर्ण चावल उत्पादक राज्य है।

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