बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

Kavita Sansar ( Hindi / Urdu Poetry collection ): मेरे देश में हर दिन त्‍योहार


Kavita Sansar ( Hindi / Urdu Poetry collection ): मेरे देश में हर दिन त्‍योहार: मेरे देश में हर दि‍न त्योहार । दि‍न दूना और रात चौगुना बढ़ता जाये प्यार। मेरे देश में हर दि‍न त्योहार। महक उठा मन सौंधी खुशबू जो लाई पुरवाई...

गुरुवार, 18 अक्तूबर 2012

स्‍वास्‍थ्‍य को समर्पित संस्‍थान 'फ्रेण्‍ड़स हेल्‍थलाइन' का शुभारंभ। हेल्थलाइन की पुस्‍तक और कैलेण्‍डर का भी विमोचन।

कोटा। पिछले दिनों शहर के प्रख्‍यात तीर्थ स्‍थल गोदावरी धाम पर फ्रेण्‍ड्स हेल्‍थलाइन का शुभारम्‍भ हुआ। स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जाग्रति के लिए आरंभ किया गया यह प्रकल्‍प दृष्टिकोण पत्रिका से ख्‍याति प्राप्‍त मित्रों की संस्‍था फ्रेण्‍ड़स हेल्‍पलाइन के एक पूर्व प्रकल्‍प 'प्रतिरक्षण चेतना मंच' का बदला हुआ नाम है। इस अवसर पर फ्रेण्‍ड्स हेल्‍थलाइन, फ्रेण्ड्स हेल्‍पलाइन के सदस्‍य एवं अन्‍य अतिथियों ने सपरिवार सम्मिलित हो कर कार्यक्रम को सार्थक बनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्‍य अतिथियों को मंच पर आमंत्रित कर किया गया। सर्वप्रथम अतिथियों ने गणेश प्रतिमा को माल्‍यार्पण एवं दीप प्रज्‍ज्‍वलन किया। तत्‍पश्‍चात् विशिष्‍ट अतिथियों को प्रकल्‍प के संचालक श्री कृष्‍ण गोपाल गुप्‍ता एवं फ्रेण्‍ड्स हेल्‍पलाइन के मानद सचिव एवं प्रबंध सम्‍पादक श्री नरेंद्र कुमार चक्रवती एवं अन्‍य सदस्‍यों द्वारा माल्‍यार्पण कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के विशिष्‍ट अतिथि अधीक्षण अभियंता (सी0ए0डी0) से सेवानिवृत्‍त श्री जगदीश कुमारजी गुप्‍ता एवं सिस्‍टम एवं सोफ्टवेयर इंजीनियर व चित्‍तौड़ प्रान्‍त के सेवा भारती के मंत्री श्री राधेश्‍यामजी शर्मा थे।
 

प्रकल्‍प व हेल्‍पलाइन के संस्‍थापक सदस्‍यों श्री रमेश बिरला, श्री अशोक पाठक आदि ने भी अतिथियों को माल्‍यार्पण कर अभिनंदन किया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में हेल्‍थलाइन के संचालक, मानद प्रभारी श्री के0जी0 गुप्‍ता ने अपने प्रकल्‍प का संक्षिप्‍त परिचय दिया। उन्‍होंने बताया कि यह प्रकल्‍प आरोग्‍य के लिए समर्पित संस्‍थान है। उन्‍होंने इसके मूल मंत्र 'स्‍वस्‍थस्‍य स्‍वास्‍थ्‍य रक्षणम्' पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा करे। इस अवसर पर और अधिक प्रकाश डालने के लिए हेल्‍थलाइन द्वारा विकसित एवं प्रकाशित ‘हमारा स्‍वास्‍थ्‍य हमारे हाथ’ पुस्‍तक का विमोचन  मंचासीन अतिथियों व अन्‍य संस्‍था के पदाधिकारियों द्वारा किया गया और पुस्‍तक उपस्थित सभी व्‍यक्तियों को वितरित की गयी। इस अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य चेतना के लिए विकसित किये गये एक कैलेण्‍डर का भी अतिथिगण एवं श्री चक्रवर्ती के करकमलों द्वारा विमोचन किया गया।
फ्रेण्‍ड़स हेल्‍थ लाइन के संचालक श्री के0 जी0 गुप्‍ता ने हेल्‍थलाइन की उपयोगिता और उसके कार्यक्रमों के बारे में विस्‍तार से बताया। उन्‍होंने न्‍यूनतम स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा कार्यक्रम के लिए समय समय पर आयोजन के लिए हेल्‍थ लाइन के ज्‍यादा से ज्‍यादा सदस्‍य बनने के लिए आग्रह किया और कहा कि आज प्रदूषित वातावरण से जूझने के लिए हम स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति चैतन्‍य तो बनें ही साथ ही थोड़ा सा समय इस कार्यक्रम के माध्‍यम से नियमित व्‍ययाम और योगादि में संलग्‍न रह कर प्रतिरक्षण क्षमता को बढ़ायें। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता कर रहे श्री राधेश्‍यामजी शर्मा ने इसे राष्‍ट्रीय कार्यक्रम का एक अंग बताया। उन्‍होंने कहा कि सरकार स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा के लिए अरबों खरबों रुपये खर्च करती है, किंतु रोग के निदान के अलावा बहुत कम हैं जो रोग के आक्रमण से पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक रहते है। फ्रेण्‍ड़स हेल्‍थलाइन से ज्‍यादा से ज्‍यादा जुड़ कर ओर जोड़ कर इसका लाभ उठायें। विशिष्‍ट अतिथि श्री जगदीश कुमार गुप्‍ताजी ने भी इसकी अपरिहार्यता पर बल दिया और कहा कि आज के प्रदूषित और जहरीले वातावरण के लिए स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति स्‍वाभाविक रूप से ध्‍यान दिया जाना अत्‍यावश्‍यक है, ताकि हमारी और हमारे परिवार की रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो। इस कार्यक्रम में सभी ने अपने अपने अनुभव उपस्थित लोगों को बाँटे। संक्षिप्‍त कार्यक्रम में योग के प्रख्‍यात आसन 'सूर्य नमस्‍कार' पर श्री के0 जी0 गुप्‍ता ने विशेष आग्रह करते हुए कहा कि शरीर के समस्‍त अंगों के व्‍यायाम के लिए सूर्य नमस्‍कार सर्वाधिक प्रभावी है,इसे बच्‍चे, बड़े बूढ़े सभी आसानी से कर सकते है। कैलेण्‍डर प्रमुख रूप से सूर्यनमस्‍कार पर ही केंद्रित है। इससे कई प्रकार के रोगों का स्‍वत: निदान होता है।
परम्‍परानुसार अतिथियों को हाड़ौती के हिंदी और संस्‍कृत के वरिष्‍ठ साहित्‍यकार गदाधर भट्ट की पुस्‍तक ‘पुष्टिमार्ग एवं वल्‍लभाचार्य का परिचय, हाड़ौती के शतायुपार कवि भँवर लाल गुप्‍ता ‘भमर’ की गोपाल कृष्‍ण भट्ट ‘आकुल’ सम्‍पादित पुस्‍तक ‘भ्रमर उत्‍सव’, प्रख्‍यात ग़ज़लकार डा0 नलिन की पुस्‍तक ‘चाँद निकलता तो होगा’ और फ्रेण्‍ड्स हेल्‍पलाइन, कोटा की अखिल भारतीय स्‍तर पर चर्चित पुस्तिका ‘दृष्टिकोण’ का ताजा ग़ज़ल विशेषांक भेंट किया गया।
कार्यक्रम में श्री जगदीश प्रसाद गुप्‍ता, श्री रमेश बिरला, श्री अशोक पाठक, श्री के0जी0गुप्‍ता, , श्री आर0 सी0 आर्य, एम0जी0 सप्रे, श्री बसंत कुमार बरुआ, श्री अतुल कुमार खन्‍ना, श्री हरीश चंचलानी, श्री त्रिलोक चंद शर्मा, श्री अंकुर गुप्‍ता, श्री पंकज धामाणी और श्री चैतन्‍य खण्‍डेलवाल सपत्‍नीक पधारे। अन्‍य परिजनों में सुश्री वंदना गुप्‍ता, श्रीमती सुलोचना परिहार, सुश्री सरिता शोभनानी, श्री भास्‍कर दाधीच, डा0 नलिन, श्री मधुसूदन गुप्‍ता, श्री वी0 डी0 गुप्‍ता,  श्री जी0 के0 गुप्‍ता, श्री बजरंग लाल, श्री देवीशंकर, श्री एच0 सी0 जोशी, श्री रामप्रकाश पारीक, श्री नरेंद्र कुमार चक्रवर्ती, और श्री ‘आकुल’ ने भी भाग लिया। छायांकन श्री चक्रवर्ती और ‘आकुल’ ने किया।
अंत में फ्रेण्‍डस हेल्‍पलाइन के संस्‍थापक एवं संरक्षक सदस्‍य श्री रमेश चंद्र बिरला ने पधारे सभी अतिथियों, सदस्‍यों व परिवारजनों का आभार व्‍य‍क्‍त किया। विचार विमर्श और स्‍वरुचि भोज के पश्‍चात् कार्यक्रम का समापन हुआ।

समाचार kggfriendshealthline@gmail.com (श्री के0 जी0 गुप्‍ता, फ्रेण्‍डस हेल्‍थलाइन, कोटा) द्वारा प्रेषित

रविवार, 14 अक्तूबर 2012

फेसबुक मैत्री सम्‍मेलन भरतपुर में आयोजित

दिल्ली से हम सब साथ साथ हैं पत्रिका के संपादक किशोर श्रीवास्तव एवं श्रीमती शशि श्रीवास्तव जी और बयाना से श्री अशोक खत्री जी के मार्गदर्शन में इस प्रोग्राम का आयोजन संभव हुआ| 29 सितम्बर ........ मै और नरेश 29 सितम्बर को मथुरा में गोकुल धाम के दर्शन कर भरतपुर लगभग दोपहर 4.30 बजे पहुंचे| 29 सितम्बर की सुबह से कई फेसबुक मित्रगण वहाँ आने शुरू हो गये थे जिनमे सबसे पहले पहुँचने वाले थे उज्जैन से संदीप सृजन( शब्द प्रवाहके संपादक) और उनके बाद लेखक /कवि डाक्टर ए.कीर्तिवर्धन (मुज़फ्फरनगर), प्रसिद्द व्यंग्यकार सुभाष चन्द्र (दिल्ली ),गज़लकार ओमप्रकाश यति (नॉएडा ), डाक्टर सुधाकर आशावादी ,कवि अतुल जैन सुराना और गाफ़िल स्वामी (अलीगढ ) भी अपना घरपहुंचे |..दिल्ली से आने वाले मित्रों में किशोर श्रीवास्तव ,शशि श्रीवास्तव के साथ संगीता शर्मा (बच्चों सहित ),ऋचा मिश्रा (दैनिक जागरण,नॉएडा ) पूनम तुशामड , सुषमा भंडारी और मानव मेहता (हरियाणा से) आये| झाँसी से नवीन शुक्ला जी और भीलवाडा, भरतपुर, बाड़मेर तथा फतहपुर सीकरी से भी कई मित्र इसमें रात तक शामिल हो गये थे| ‘अपना घर से जुड़े हुए अशोक खत्री जी और अपना घर के संस्थापक डाक्टर दम्पति माधुरी जी एवं बी ऍम भारद्वाज जी के सफल निर्देशन में सभी आमंत्रित मेहमानों के रहने ,खाने पीने का बंदोबस्त किया गया था | 5 बजे पंजीकरण और परिचय सत्र में सबने अपना-२ परिचय दे कर दो-दिवसीय आयोजन की शुरुआत की| चाय पीकर सभी अपना घरसंस्था के भ्रमण के लिए अशोक खत्री जी के साथ निकले जहाँ जिंदगी के वीभत्स किन्तु मार्मिक रूप से रु-ब-रु हुए| बातचीत के दौरान मानसिक रूप से परेशान बालिकाओं ,महिलाओं और वृद्धो से उनके हालात के बारे में पता चला कि कैसे जिंदगी ने और उनके अपनों ने ही उन्हें छला था | ‘अपना घरसंस्था इन अजनबी, अनजान, मुसीबतों से ग्रस्त हर आयु के लोगो को रहने, खाने-पीने और उपचार तथा व्यवसाय की सुविधायें प्रदान कर सामाजिक कार्यों में बेहतरीन योगदान कर रही है| दिल्ली से आये प्रख्यात पत्रकार एवं कवि श्री सुरेश नीरव जी के शब्दों में अपना घरआना एक तीर्थ यात्रा के समान है | अपना घर भ्रमण के बाद एक विचार गोष्ठी आयोजित की गयी जिसका विषय थामैत्री भाईचारे के प्रचार प्रसार व साहित्यिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक सन्दर्भ में फेसबुक की उपयोगिता”| उदघोषणा किशोर श्रीवास्तव जी ने की और श्री सुभाष चन्द्र जी की अध्यक्षता में लगभग सभी सदस्यों ने ( सर्वश्री कीर्तिवर्धन , पूनम तुशामड , सुधाकर आशावादी , शशि श्रीवास्तव ,गाफिल स्वामी , सुषमा भंडारी , ऋचा मिश्रा , अशोक खत्री , पूनम माटिया और रघुनाथ मिश्र जी ने अपने विचार रखे और सबने लगभग यही बात कही कि फेसबुक एक उपयोगी माध्यम साबित हो रहा है इस सन्दर्भ में | अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में सुभाष जी ने कहा फेसबुक तब अपनी बुलंदियों को पाता है जब उस से सरोकार जुड़े’ | अतुल जैन सुराना ने धन्यवाद ज्ञापन दिया | रात्रि भोज के बाद गीत संगीत की महफ़िल जमी जिसमे किशोर जी ने ढोलक की थाप पर भजन और गीत प्रस्तुत किये तथा मिमिक्री से सबका मन मोह लिया |नवीन शुक्ला जी ने अपने मीठी बांसुरी की तान से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया | पूनम तुशामड , संगीता शर्मा , सुषमा भंडारी सभी ने अपने-२ स्टाइल में गीत सुनाये | सुभाष चन्द्र , ऋचा मिश्रा और कई मित्रों ने गज़ल सुनाकर महफ़िल में समा बाँधा |गाफ़िल जी ने माँ को समर्पित अपनी रचना बड़े जोर शोर से सुनाई | ढोलक की थाप ,ढपली और मजीरे की झंकार के साथ एक लोक गीत पर पूनम माटिया यानि मैने नृत्य भी किया | 30 सितम्बर कचोडी-आलू, जलेबी और पोहे के नाश्ते के साथ सबने किशोर श्रीवास्तव कृत खरी-खरीकार्टून प्रदर्शनी का भी लुत्फ़ उठाया | उस समय तक कई और फेसबुक मित्र भरतपुर पधार चुके थे जिनमे पुरुस्कृत अरविन्द पथिक’, हेमलता वशिष्ठ, कृष्ण कान्त मधुर, पूनम त्यागी (दिल्ली)और अजय अज्ञात (फरीदाबाद) दिल्ली से प्रमुख हैं | प्रख्यात कवि सुरेश नीरव जी , प्रसिद्द गज़लकार साज़ देहलवी , डॉ रेखा व्यास (दिल्ली दूरदर्शन) , कवि रघुनाथ मिश्र (राजस्थान) इस आयोजन में शामिल हुए | ‘अपना घरकी ओर से आयोजित फतेहपुर सिकरी भ्रमण का लाभ 25-30 लोगो ने उठाया और तेज धूप के बावजूद सभी ने सलीम चिश्ती दरगाह और बुलंद दरवाजे का अवलोकन किया साथ ही खूब खरीदारी भी की | दोपहर के भोजन के उपरांत कवि सम्मलेन आयोजित किया गया जिसका सञ्चालन किशोर श्रीवास्तव और अरविन्द पथिकने किया |इस कवि सम्मलेन की अध्क्षता श्री सुरेश नीरव जी ने की और मंच पर उनका साथ दिया गज़लकार साज़ देहलवी जी, रघुनाथ मिश्र जी और डॉ रेखा व्यास जी तथा भारद्वाज जी और माँ माधुरी जी ने | इन महान विभूतियों के कर-कमलों द्वारा हम साथ-साथ हैपत्रिका द्वारा आयोजित मैत्री सम्मान श्री सुरेश नीरव जी को और श्रीमती पूनम माटिया को दिया गया | उसके उपरान्त विभिन्न कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया जिसको श्रोतायो ने बड़े मन लगाकर सुना और समय-२ तालियों से उनका हौसला वर्धन किया | इस दौरान सुषमा भंडारी जी का काव्य संग्रहअक्सर ऐसा भीका विमोचन भी किया | कविता पाठ और ग़ज़ल गायकी का क्रम मुझसे यानि पूनम माटिया से आरंभ हुआ और उसके बाद संदीप सृजन , अतुल जय सुराना ,दीक्षित जी, अजयअज्ञात’ ,पूनम तुशामद ,सुषमा भंडारी, संगीता शर्मा, ऋचा मिश्रा ,किशोर श्रीवास्तव , कृष्ण कान्त मधुर , ओम प्रकाश यति, गाफ़िल स्वामी, अशोक खत्री जी और अरविन्दपथिकजी कि जोश से भरी गायकी तक चला | अंत में रघुनाथ मिश्र जी और साज़ देहलवी जी , रेखा व्यास जी और श्री सुरेश नीरवजी ने अपनी भावनात्मक गज़लों से सबका मन मोह लिया | किशोर श्रीवास्तव जी ने धन्यवाद ज्ञापन देकर इस आयोजन की समाप्ति की घोषणा की | कार्यक्रम के अंत में अपना घरके संस्थापक डॉ भारद्वाज दंपत्ति ने प्रतीक चिन्ह देकर आये हुए सभी मित्रों को सम्मानित किया | विदा के पल अपना घरके वासियों के लिए और हमारे लिए काफी भावुक थे उनकी निगाहें पूछ रही थी फिर कब मिलने आओगे .... 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