रविवार, 14 अक्तूबर 2012

फेसबुक मैत्री सम्‍मेलन भरतपुर में आयोजित

दिल्ली से हम सब साथ साथ हैं पत्रिका के संपादक किशोर श्रीवास्तव एवं श्रीमती शशि श्रीवास्तव जी और बयाना से श्री अशोक खत्री जी के मार्गदर्शन में इस प्रोग्राम का आयोजन संभव हुआ| 29 सितम्बर ........ मै और नरेश 29 सितम्बर को मथुरा में गोकुल धाम के दर्शन कर भरतपुर लगभग दोपहर 4.30 बजे पहुंचे| 29 सितम्बर की सुबह से कई फेसबुक मित्रगण वहाँ आने शुरू हो गये थे जिनमे सबसे पहले पहुँचने वाले थे उज्जैन से संदीप सृजन( शब्द प्रवाहके संपादक) और उनके बाद लेखक /कवि डाक्टर ए.कीर्तिवर्धन (मुज़फ्फरनगर), प्रसिद्द व्यंग्यकार सुभाष चन्द्र (दिल्ली ),गज़लकार ओमप्रकाश यति (नॉएडा ), डाक्टर सुधाकर आशावादी ,कवि अतुल जैन सुराना और गाफ़िल स्वामी (अलीगढ ) भी अपना घरपहुंचे |..दिल्ली से आने वाले मित्रों में किशोर श्रीवास्तव ,शशि श्रीवास्तव के साथ संगीता शर्मा (बच्चों सहित ),ऋचा मिश्रा (दैनिक जागरण,नॉएडा ) पूनम तुशामड , सुषमा भंडारी और मानव मेहता (हरियाणा से) आये| झाँसी से नवीन शुक्ला जी और भीलवाडा, भरतपुर, बाड़मेर तथा फतहपुर सीकरी से भी कई मित्र इसमें रात तक शामिल हो गये थे| ‘अपना घर से जुड़े हुए अशोक खत्री जी और अपना घर के संस्थापक डाक्टर दम्पति माधुरी जी एवं बी ऍम भारद्वाज जी के सफल निर्देशन में सभी आमंत्रित मेहमानों के रहने ,खाने पीने का बंदोबस्त किया गया था | 5 बजे पंजीकरण और परिचय सत्र में सबने अपना-२ परिचय दे कर दो-दिवसीय आयोजन की शुरुआत की| चाय पीकर सभी अपना घरसंस्था के भ्रमण के लिए अशोक खत्री जी के साथ निकले जहाँ जिंदगी के वीभत्स किन्तु मार्मिक रूप से रु-ब-रु हुए| बातचीत के दौरान मानसिक रूप से परेशान बालिकाओं ,महिलाओं और वृद्धो से उनके हालात के बारे में पता चला कि कैसे जिंदगी ने और उनके अपनों ने ही उन्हें छला था | ‘अपना घरसंस्था इन अजनबी, अनजान, मुसीबतों से ग्रस्त हर आयु के लोगो को रहने, खाने-पीने और उपचार तथा व्यवसाय की सुविधायें प्रदान कर सामाजिक कार्यों में बेहतरीन योगदान कर रही है| दिल्ली से आये प्रख्यात पत्रकार एवं कवि श्री सुरेश नीरव जी के शब्दों में अपना घरआना एक तीर्थ यात्रा के समान है | अपना घर भ्रमण के बाद एक विचार गोष्ठी आयोजित की गयी जिसका विषय थामैत्री भाईचारे के प्रचार प्रसार व साहित्यिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक सन्दर्भ में फेसबुक की उपयोगिता”| उदघोषणा किशोर श्रीवास्तव जी ने की और श्री सुभाष चन्द्र जी की अध्यक्षता में लगभग सभी सदस्यों ने ( सर्वश्री कीर्तिवर्धन , पूनम तुशामड , सुधाकर आशावादी , शशि श्रीवास्तव ,गाफिल स्वामी , सुषमा भंडारी , ऋचा मिश्रा , अशोक खत्री , पूनम माटिया और रघुनाथ मिश्र जी ने अपने विचार रखे और सबने लगभग यही बात कही कि फेसबुक एक उपयोगी माध्यम साबित हो रहा है इस सन्दर्भ में | अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में सुभाष जी ने कहा फेसबुक तब अपनी बुलंदियों को पाता है जब उस से सरोकार जुड़े’ | अतुल जैन सुराना ने धन्यवाद ज्ञापन दिया | रात्रि भोज के बाद गीत संगीत की महफ़िल जमी जिसमे किशोर जी ने ढोलक की थाप पर भजन और गीत प्रस्तुत किये तथा मिमिक्री से सबका मन मोह लिया |नवीन शुक्ला जी ने अपने मीठी बांसुरी की तान से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया | पूनम तुशामड , संगीता शर्मा , सुषमा भंडारी सभी ने अपने-२ स्टाइल में गीत सुनाये | सुभाष चन्द्र , ऋचा मिश्रा और कई मित्रों ने गज़ल सुनाकर महफ़िल में समा बाँधा |गाफ़िल जी ने माँ को समर्पित अपनी रचना बड़े जोर शोर से सुनाई | ढोलक की थाप ,ढपली और मजीरे की झंकार के साथ एक लोक गीत पर पूनम माटिया यानि मैने नृत्य भी किया | 30 सितम्बर कचोडी-आलू, जलेबी और पोहे के नाश्ते के साथ सबने किशोर श्रीवास्तव कृत खरी-खरीकार्टून प्रदर्शनी का भी लुत्फ़ उठाया | उस समय तक कई और फेसबुक मित्र भरतपुर पधार चुके थे जिनमे पुरुस्कृत अरविन्द पथिक’, हेमलता वशिष्ठ, कृष्ण कान्त मधुर, पूनम त्यागी (दिल्ली)और अजय अज्ञात (फरीदाबाद) दिल्ली से प्रमुख हैं | प्रख्यात कवि सुरेश नीरव जी , प्रसिद्द गज़लकार साज़ देहलवी , डॉ रेखा व्यास (दिल्ली दूरदर्शन) , कवि रघुनाथ मिश्र (राजस्थान) इस आयोजन में शामिल हुए | ‘अपना घरकी ओर से आयोजित फतेहपुर सिकरी भ्रमण का लाभ 25-30 लोगो ने उठाया और तेज धूप के बावजूद सभी ने सलीम चिश्ती दरगाह और बुलंद दरवाजे का अवलोकन किया साथ ही खूब खरीदारी भी की | दोपहर के भोजन के उपरांत कवि सम्मलेन आयोजित किया गया जिसका सञ्चालन किशोर श्रीवास्तव और अरविन्द पथिकने किया |इस कवि सम्मलेन की अध्क्षता श्री सुरेश नीरव जी ने की और मंच पर उनका साथ दिया गज़लकार साज़ देहलवी जी, रघुनाथ मिश्र जी और डॉ रेखा व्यास जी तथा भारद्वाज जी और माँ माधुरी जी ने | इन महान विभूतियों के कर-कमलों द्वारा हम साथ-साथ हैपत्रिका द्वारा आयोजित मैत्री सम्मान श्री सुरेश नीरव जी को और श्रीमती पूनम माटिया को दिया गया | उसके उपरान्त विभिन्न कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया जिसको श्रोतायो ने बड़े मन लगाकर सुना और समय-२ तालियों से उनका हौसला वर्धन किया | इस दौरान सुषमा भंडारी जी का काव्य संग्रहअक्सर ऐसा भीका विमोचन भी किया | कविता पाठ और ग़ज़ल गायकी का क्रम मुझसे यानि पूनम माटिया से आरंभ हुआ और उसके बाद संदीप सृजन , अतुल जय सुराना ,दीक्षित जी, अजयअज्ञात’ ,पूनम तुशामद ,सुषमा भंडारी, संगीता शर्मा, ऋचा मिश्रा ,किशोर श्रीवास्तव , कृष्ण कान्त मधुर , ओम प्रकाश यति, गाफ़िल स्वामी, अशोक खत्री जी और अरविन्दपथिकजी कि जोश से भरी गायकी तक चला | अंत में रघुनाथ मिश्र जी और साज़ देहलवी जी , रेखा व्यास जी और श्री सुरेश नीरवजी ने अपनी भावनात्मक गज़लों से सबका मन मोह लिया | किशोर श्रीवास्तव जी ने धन्यवाद ज्ञापन देकर इस आयोजन की समाप्ति की घोषणा की | कार्यक्रम के अंत में अपना घरके संस्थापक डॉ भारद्वाज दंपत्ति ने प्रतीक चिन्ह देकर आये हुए सभी मित्रों को सम्मानित किया | विदा के पल अपना घरके वासियों के लिए और हमारे लिए काफी भावुक थे उनकी निगाहें पूछ रही थी फिर कब मिलने आओगे .... 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