गुरुवार, 23 अगस्त 2012

हिन्‍दी दिवस पर 14 सितम्‍बर को हाड़ौती के कवि 102 वर्षीय डा0 भ्रमर सम्‍मानित होंगे। सम्‍मान उन्‍हें उनकी सद्य: प्रकाशित पुस्‍तक 'भ्रमर उत्‍सव' पर


14 सितम्‍बर हिन्‍दी दिवस पर हाड़ौती के प्रख्‍यात कवि 102 वर्षीय डा0 भँवर लाल तिवारी ‘भ्रमर’ को पं0 ब्रज बहादुर पाण्‍डेय स्‍मृति सम्‍मान से  अलंकृत किया जायेगा। बहराइच उत्‍तर प्रदेश से स्‍व0 पंडित ब्रजहादुर पाण्‍डेय के पुत्र प्रख्‍यात ग़ज़लकार, कवि और साहित्‍यकार डा0 अशोक कुमार ‘गुलशन’ उन्‍हें भवानीमण्‍डी, जिला झालावाड़ (राजस्‍थान) उनके गृहनिवास पर शाल, प्रशस्ति पत्र और पत्र पुष्‍प प्रदान करेंगे। श्री तिवारी जी को उनकी सद्य: प्रकाशित पुस्‍तक ‘भ्रमर उत्‍सव’ पर यह सम्‍मान प्रदान किया जायेगा। श्री तिवारीजी हाड़ौती की झालावाड़ रियासतकाल के एक मात्र कवि हैं, जो आज भी अपनी साहित्यिक ऊर्जा के सहारे अपनी दैनंदिनी में संलग्‍न हैं। 
भ्रमर उत्‍सव’ डा0 तिवारी की चौथी पुस्‍तक है। यह उनके जीवन भर की सृजित शेष रचनाओं का संग्रह है। इन रचनाओं को हाड़ौती के ही जनकवि श्री गोपाल कृष्‍ण भट्ट ‘आकुल’ ने सम्‍पदित किया है। डा0 भ्रमर हाड़ौती के ऐसे लाड़ले कवि हैं जो ब्रजभाषा में भी अधिकार के साथ रचना करते है। उनकी पुस्‍तक ‘भ्रमर उत्‍सव’ में गीत, ग़ज़ल, छन्‍द, कविताओं की बेहतरीन रचनाओं का समावेश है। 120 पृष्‍ठीय उनके काव्‍य संग्रह को कोटा की फ्रेण्‍ड्स हेल्‍पलाइन प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। पृथ्‍वी पुत्र सम्‍मान, काव्‍य महारथी सम्‍मानोपाधि, साहित्‍य श्री, मध्‍य प्रदेश हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन आदि द्वारा लगभग 21 पुरस्‍कारों और सम्‍मानोपाधियों से सम्‍मानित डा0 भ्रमर अब भवानीमण्‍डी में ही विश्राम कर रहे है। उनके द्वारा रचित अन्‍य तीन पुस्‍तकें हैं ‘ब्रजभाषा साहित्‍यकार दर्पण’, ‘अर्पण’ और ‘भँवर गुंजार’
कोटा-23-08-2012

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