राजस्थान से एक मात्र प्रतिनिधि डा. रघुनाथ मिश्र भी सम्मानित
परियावाँ 4 नवम्बर । साहित्यिक
सांस्कृतिक कला संगम अकादमी , परियावाँ, प्रताप गढ के 31 वेँ अधिवेशन में आयोजित ' राष्ट्र स्तरीय भाषाई एकता सम्मेलन और
सहित्यकार सम्मान समारोह में हमेशा की तरह इस बार भी 10 राज्योँ से उत्साहजनक संख्या
में सहित्यकारों-कलाकारों-पत्रकारों-समाजसेवियों की उपस्थिति प्रेरक रही.
50-60
विद्वानों को इस मौके पर विभिन्न मानद व सम्मानोपाधियोँ से अलँक्रित किया गया. अकादमी
के साथ पिछले वर्ष की भाँति इस वर्श भी 5 अन्य संस्थायें- तारिका विचार मंच, प्रयाग, इलाहाबद, भारतीय वांग्मय पीठ, कोलकाता, साहित्य त्रिवेणी पत्रिका, कोलकाता, स्वर्ग विभा, मुम्बई और श्री रामसुन्दर धनपति देवी
फाउण्डेशन,
उन्नाव भी शामिल
रहीं और सभी संस्थाओं ने चयनित विद्वानों को प्रतीक चिह्न, सम्मान पत्र, शाल और पुस्तकें देकर सम्मनित किया.
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परियावाँ सम्मानित होते डा0 रघुनाथ मिश्र |
सम्मेलन व
सम्मान समारोह की अध्यक्षता अकादमी और भारतीय वांग्मय पीठ, कोलकाता के अध्यक्ष प्रो.श्याम लाल उपाध्याय ने की और साहित्य त्रिवेणी पत्रिका, कोलकाता के प्रधान सम्पादक डा. कुँवर
वीर सिंह मार्तण्ड ने समारोह का सफल संचालन किया. लगभग 15 विद्वानों ने विषय पर अपने उद्गार में हिन्दी
को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिये जाने सहित भारत में बोली और समझी जाने
वाली सभी राष्ट्र स्तरीय भाषाओं की व्यापक व प्रभावी एकता पर खास जोर दिया. उससे
पूर्व सभी प्रतिभागी संस्था प्रधानों ने अपनी-अपनी संस्थाओँ के बारे में सदन को जानकरी दी. स्वर्गविभा और श्री राम सुन्दर धनपति देवी फाउण्डेशन पहली बार शामिल हुई थीं और दोनों ही संस्थाओँ ने साहित्यकरों-समाजसेवियों-साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओँ और किसी भी प्रकार से
जरूरतमन्द साहित्यकारों-विद्वानों-कलाकारों का, जानकारी होने पर हर प्रकार से सहयोग करने की घोषणा की. इन दोनों संस्थाओँ के अध्यक्ष वी.पी. वर्मा( स्वर्गविभा)
और वीरेन्द्र शुक्ल (श्री राम सुन्दर धनपति देवी) भी मंचासीन थे. इसी तरह अकादमी
और भारतीय वांग्मय पीठ के अध्यक्ष प्रो. श्याम लाल उपाध्याय, सचिव वृन्दावन त्रिपाठी 'रत्नेश', तारिका विचार मंच के अध्यक्ष भगवान
प्रसाद उपाध्याय और साहित्य त्रिवेणी के प्रधान सम्पादक डा. कुँवर वीर सिंह मार्तण्ड भी अन्य अतिथियों सहित मंचासीन थे.
डा. रघुनाथ मिश्र
राजस्थान से मात्र प्रतिनिधि थे और अपने उद्गार में विषय को सारगर्भित बन कर प्रशंसा अर्जित की. डा. मिश्र को अकादमी ने मानद उपाधि 'विवेकानन्द सम्मान', तारिका विचार मंच ने उत्कृ
ष्ट हिन्दी सेवी
सारस्वत सम्मानोपाधि,
भारतीय वांग्मय पीठ ने 'पण्डित कामता प्रसाद गुरु सारस्वत साहित्य
सम्मनोपाधि'
और साहित्य
त्रिवेणी ने त्रिवेणी
साहित्य सम्मानोपाधि से अलंकृत किया.
चार-चार
सम्मानों से अलंकृत होकर लौटे मिश्र ने जब यह जानकारी दी तो उनके
प्रशंसकों,
मित्रों, परिजनों सहित कोटा के सहित्याकारों व देश भर
से सैकड़ों साहित्यकारों से बधाइयों का अनवरत सिलसिला जारी है. उक्त
समारोह 4
नवंबर 2012 को आयोजित किया गया था. समारोह में प्रतिभागी विद्वानों ने आपस में पुस्तकों का
आदान-प्रदान किया और वहाँ मिले सद्भावनाओं और भाईचारे से अभिभूत
डा. मिश्र ने कोटा के साहित्यकारों और साहित्यिक संस्थाओं में आपसी ताल-मेल
और भाईचारा सदैव बनाये रखने पर जोर दिया है.
sundar prastuti.DR>RAGHUNAT MISHR.
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