24 अगस्त 2011 के कविताकोश समाचार व अन्य साहित्यिक समाचारों से काव्यजगत् स्तब्ध है। हाल ही में कविता कोश के समाचार हूबहू प्रस्तुत हैं-
* श्री अनिल जनविजय का कविता कोश टीम से त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है।
* नवनियुक्त संपादक श्री प्रेमचंद गांधी ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
* इस समय कविता कोश संपादक का पद खाली है और संपादकीय कार्य कविता कोश टीम के अन्य सदस्य देखेंगे।
* संपादक पद के लिए उचित उम्मीदवार मिलने तक यह पद खाली रहेगा।
* नोहार, राजस्थान के रहने वाले आशीष पुरोहित को राजस्थानी विभाग में रचनाएँ जोड़ने के लिए कार्यकारिणी में शामिल किया गया है।
इस समाचार से ब्लॉग्स की दुनिया में एक हलचल अवश्य मचेगी। क्यों हुआ?अनिल जनविजय की हाल ही में कविता कोश प्रथम पुरस्कारों में चर्चा हुई थी। कविता कोश के वरिष्ठ साहित्यकार मास्को, रूस में कार्यरत वे पिछले पाँच वर्षों से इससे जुड़े थे। संभवतया पाँच वर्ष के अपने सफल कार्यकाल के पश्चात् कविताकोश को नये प्रतीक्षा के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया हो। किंतु कविता कोश के राजस्थान विभाग के प्रतिनिधि साहित्यकार श्री प्रेमचंद गाँधी ने भी त्यागपत्र क्यों दे दिया? पिछले दिनों साहित्यिक पत्रिका 'ग़ज़ल के बहाने' के बंद होने की भी खबरें सुनाई दीं। 'गोलकोण्डा दर्पण'के भी अंक नहीं छपने से उसका पोस्टल-रजिस्ट्रेशन खत्म होने से वह आर्थिक संकट से गुज़र रही है। इसके सम्पादक गोविन्द अक्षय का मौन भी कष्टदायक है। अधिकतर पत्र-पत्रिकायें विलम्ब से प्रकाशित हो रही हैं ओर चरमराती डाक व्यवस्था से पाठकों तक देर से पहुँचने के कारण भी कम चिन्ताजनक नहीं। खैर यदि सकारात्मक सोचें तो आगे यदि कविताकोश जैसे ब्लॉग्स पर संकट और अन्य साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं की दयनीय स्थिति पर साहित्यिकारों की दृष्टि पड़ेगी तो अवश्य एक साहित्यिक सोच पैदा होगी और इसके संवर्धन परिवर्धन के लिए सापेक्ष प्रयास होंगे। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि हम इनसे संवाद कायम करें और इसके विकास में योगदान दें।
वक्त के घावों पे वक्त ही मरहम लगायेगा
वक्त ही अपने परायों की पहचान करायेगा
वक्त की हर शै का चश्मदीद है आईना
पीछे मुड़ के देखा तो वक्त निकल जायेगा।
साहित्य और साहित्यकारों की ख़ैर-ख़बर रखें- सम्पादक
* श्री अनिल जनविजय का कविता कोश टीम से त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है।
* नवनियुक्त संपादक श्री प्रेमचंद गांधी ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
* इस समय कविता कोश संपादक का पद खाली है और संपादकीय कार्य कविता कोश टीम के अन्य सदस्य देखेंगे।
* संपादक पद के लिए उचित उम्मीदवार मिलने तक यह पद खाली रहेगा।
* नोहार, राजस्थान के रहने वाले आशीष पुरोहित को राजस्थानी विभाग में रचनाएँ जोड़ने के लिए कार्यकारिणी में शामिल किया गया है।
इस समाचार से ब्लॉग्स की दुनिया में एक हलचल अवश्य मचेगी। क्यों हुआ?अनिल जनविजय की हाल ही में कविता कोश प्रथम पुरस्कारों में चर्चा हुई थी। कविता कोश के वरिष्ठ साहित्यकार मास्को, रूस में कार्यरत वे पिछले पाँच वर्षों से इससे जुड़े थे। संभवतया पाँच वर्ष के अपने सफल कार्यकाल के पश्चात् कविताकोश को नये प्रतीक्षा के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया हो। किंतु कविता कोश के राजस्थान विभाग के प्रतिनिधि साहित्यकार श्री प्रेमचंद गाँधी ने भी त्यागपत्र क्यों दे दिया? पिछले दिनों साहित्यिक पत्रिका 'ग़ज़ल के बहाने' के बंद होने की भी खबरें सुनाई दीं। 'गोलकोण्डा दर्पण'के भी अंक नहीं छपने से उसका पोस्टल-रजिस्ट्रेशन खत्म होने से वह आर्थिक संकट से गुज़र रही है। इसके सम्पादक गोविन्द अक्षय का मौन भी कष्टदायक है। अधिकतर पत्र-पत्रिकायें विलम्ब से प्रकाशित हो रही हैं ओर चरमराती डाक व्यवस्था से पाठकों तक देर से पहुँचने के कारण भी कम चिन्ताजनक नहीं। खैर यदि सकारात्मक सोचें तो आगे यदि कविताकोश जैसे ब्लॉग्स पर संकट और अन्य साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं की दयनीय स्थिति पर साहित्यिकारों की दृष्टि पड़ेगी तो अवश्य एक साहित्यिक सोच पैदा होगी और इसके संवर्धन परिवर्धन के लिए सापेक्ष प्रयास होंगे। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि हम इनसे संवाद कायम करें और इसके विकास में योगदान दें।
वक्त के घावों पे वक्त ही मरहम लगायेगा
वक्त ही अपने परायों की पहचान करायेगा
वक्त की हर शै का चश्मदीद है आईना
पीछे मुड़ के देखा तो वक्त निकल जायेगा।
साहित्य और साहित्यकारों की ख़ैर-ख़बर रखें- सम्पादक
बहुत दिनोँ से 'ग़ज़ल के बहाने' नहीँ आ रही है मैनेँ डॉ दरवेश भारती जी को पत्र भी लिखा है । आपके पत्र से ही मालूम हुआ कि बन्द हो गई है । बहुत उपयोगी पत्रिका थी ।
जवाब देंहटाएंआकुलजी, सादर नमस्कार. आपकी इस संवेदनात्मक प्रस्तुति के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (६) के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप आयें और अपने विचारों से हमें अवगत कराएँ /आप हिंदी के सेवा इसी तरह करते रहें ,यही कामना हैं /आज सोमबार को आपब्लोगर्स मीट वीकली
जवाब देंहटाएंके मंच पर आप सादर आमंत्रित हैं /आभार /