शनिवार, 10 जनवरी 2015

श्रीनाथद्वारा में अ. भा. राष्ट्रभाषा प्रतिष्ठापन समारोह एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न

हिंदी को राष्‍ट्रभाषा का संवैधानिक  सम्‍मान
मिले, उद्बोधन करते डा0 रघुनाथ मिश्र, कोटा 
दो दिवसीय समारोह में पहुँचे अतिथिगण
राजस्थान की तीर्थ नगरी श्रीनाथद्वारा में दो दिवसीय साहित्यिक समारोह के अन्तर्गत 6-7 जनवरी को अ. भा. कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा के संस्थापक स्व. भगवती प्रसाद देवपुरा की प्रथम पुण्यतिथि पर सम्पन्न हुए कवि सम्मेलन के अन्तर्गत देश के कोने कोने से आये  कवियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। जिसकी अध्यक्षता जयपुर के आशुकवि डॉ. नाथूलाल महावर एवं संचालन गाफिल स्वामी व सुशील सरित ने संयुक्त रूप से किया। काव्यपाठ करने वाले कवियों में डॉ. रघुनाथ मिश्र (कोटा), हरिओम तरंग (मेड़ता सिटी), डॉ. राजेन्द्र मिलन - अशोक अश्रु - सुशील सरित (आगरा), प्रो. यश कुमार ढाका - जयवीर सिंह यादव (मेरठ), हीरालाल सहनी (दरभंगा),
श्री अवशेष कुमार 'विमल', हाथरस सम्‍मानित
डा0 रघुनाथ मिश्र, कोटा सम्‍मानित
हरीलाल मिलन (कानपुर), अवशेष कुमार विमल - श्यामबाबू चिन्तन (हाथरस), सत्यनारायण मधुप - वंशीलाल पारस (भीलवाड़ा), रमेश कटारिया पारस – कमलेश कमल (ग्वालियर), डॉ. मंजुलादास (दिल्ली), सुनीता शर्मा (गुड़गाँव), सुधीर खरे कमल (बाँदा), डॉ. सरोज गुप्ता (आगरा), मनोज फगबाड़वी, विकास मिश्र, कमल किशोर शर्मा आदि के नाम प्रमुख हैं। दूसरे दिन 7 जनवरी को समस्त आमन्त्रित साहित्यकारों को उमाशंकर मिश्र एवं श्याम देवपुरा आदि आयोजकों ने प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न एवं उपहार देकर ससम्मान विदा किया। स्मरण रहे कि यह दो दिवसीय आयोजन प्रतिवर्ष अ. भा. राष्ट्रभाषा प्रतिष्ठापना समारोह के रूप में मनाया जाता है।
श्री अवशेष कुमार 'विमल', सम्‍पादक 'शेषामृत', सरौठ, हाथरस) द्वारा प्रेषित

1 टिप्पणी: