अखिल भारतीय स्तर के लगभग 50 से अधिक साहित्यकारों का बृहद स्तर पर सम्मान, राजस्थान के 19 साहित्यकारों में कोटा के साहित्यकार श्री जितेंद्र निर्मोही, डा0 सहज व डा0 आकुल भी सम्मानित होंगे
कोटा। हिन्दी दिवस पर हर वर्ष आयोजित हिन्दी लाओ-देश बचाओ अभियान के अंतर्गत हर वर्ष की भाँति
इस वर्ष भी पुष्टिमागी्रय सम्प्रदाय की तीर्थभूमि नाथद्वारा (जिला राजसमन्द, राजस्थान) में 14 सितम्बर से 16 सितम्बर तक समारोह मनाया जा रहा है। स्मृतिशेष श्री भगवती प्रसाद देवपुरा के पु्त्र साहित्य मंडल के प्रधानमंत्री श्री श्याम देवपुरा द्वारा घोषित यह समारोह दिनांक 14 सितम्बर को नगर परिक्रमा से आरंभ हो कर 16 सितम्बर को मंडल की त्रैमासिक पत्रिका हरसिंगार के लोकार्पण के साथ समापन होगा। प्रत्येक दिन विभिन्न सत्रों में कार्यक्रम आयोजित होंगे।
इस वर्ष भी पुष्टिमागी्रय सम्प्रदाय की तीर्थभूमि नाथद्वारा (जिला राजसमन्द, राजस्थान) में 14 सितम्बर से 16 सितम्बर तक समारोह मनाया जा रहा है। स्मृतिशेष श्री भगवती प्रसाद देवपुरा के पु्त्र साहित्य मंडल के प्रधानमंत्री श्री श्याम देवपुरा द्वारा घोषित यह समारोह दिनांक 14 सितम्बर को नगर परिक्रमा से आरंभ हो कर 16 सितम्बर को मंडल की त्रैमासिक पत्रिका हरसिंगार के लोकार्पण के साथ समापन होगा। प्रत्येक दिन विभिन्न सत्रों में कार्यक्रम आयोजित होंगे।
तीन दिवसीय इस समारोह में साहित्य मंडल माध्यमिक विद्यालय के बालक बालिकाओं द्वारा हिन्दी रानी नाटिका, ब्रजभाषा परिसंवाद समारोह, ब्रजभाषा काव्य संध्या, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, हरसिंगार त्रैमासिक पत्रिका का लोकार्पण और दूर दूर से पधारे साहित्यकारों, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादक व नाथद्वारा के विभिन्न समाजसेवको व साहित्यधर्मियों को मानद उपाधियों, प्रायोजित सम्मानों का वितरण आकर्षण का विषय रहेंगे।
इस दौरान 14 सितम्बर और 16 सितम्बर को साहित्यकारों द्वारा गद्य और पद्य में हिन्दी की महिमा और हिन्दी के विकास व वर्तमान में हिन्दी को राष्ट्रभाषा के लिए किये जा रहे प्रयासों पर चिन्तन मंथन भी होगा। विभिन्न्ा साहित्यकारों द्वारा हिन्दी उपनिषद् के अंतर्गत हिन्दी के बोधगम्य स्वरूप, भारतीय भाषायी एकता की प्रासंगितकता, हिन्दी की अंतर्राष्ट्रीयता, हिंग्लिश के दुष्परिणाम, हिन्दी में मीडिया की भूमिका, राष्ट्रभाषा की अधिकारिणी है हिन्दी, हिन्दी के प्रति राजकीय व्यवस्था की उदासीनता, राष्ट्रीय एकता में हिन्दी भाषा एवं देवनागरी लिपि की भूमिका, हिन्दी अस्मिता के सुलगते प्रश्न, राष्ट्रभाषा की वर्तमान स्थिति, हिन्दी और 29वीं सदी, शिक्षा में हिन्दी की पुनर्स्थापना, हिन्दी तथ्य एवं व्यवहार और दक्षिण भारत का हिन्दी की प्रगति में योगदान पर आलेख पढ़े जायेंगे। साथ ही 'हिन्दी हुंकृति' के अंतर्गत दिये गये छन्द विषय 'हिन्दी बने विश्व की भाषा, स्वाभिमान की है परिभाषा', 'हिन्दी सबाके प्यारी होगी, इसकी छवि उजियारी होगी', सब मिल बोलें एक जुबान, जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान' और 'हिन्दी है कर्म हमारा, हिन्दी है धर्म हमारा' पर साहित्यकारों द्वारा काव्य रचनायें भी प्रस्तुत की जायेंगी।
साहित्य मंडल, नाथद्वारा द्वारा मुफ्त आवास व भोजन व्यवस्था रहेगी। विभिन्न साहित्यकारों को हिन्दी साहित्य शिरोमणि, हिन्दी साहित्य विभूषण, हिन्दी काव्य भूषण, हिन्दी साहित्य भूषण, हिन्दी भाषा भूषण और श्रीनाथद्वारा रत्न से सम्मानित किया जाएगा। कई नगद राशि से भी कई सम्मान विभिन्न विद्वानों को लंबी हिन्दी सेवा के लिए दिये जायेंगे। सम्मान स्वरूप सभी साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र , श्री नाथजी की हाथकलम की स्वर्णिम छवि, शान, उत्तरीय, श्रीनाथजी का प्रसाद व उपाधि भेंट की जाएगी।
इस समारोह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, तैलंगाना, बिहार, महाराष्ट्र, असम, केरल, पं0 बंगाल से पधारे लगभग 50 से अधिक साहित्यकारों को विभिन्न मानद उपाधियों से सम्मानित किया जायेगा। राजस्थान से लगभग 19 साहित्यकारों में कोटा के श्री जितेन्द्र निर्मोही को हिन्दी साहित्य विभूषण, डा0 रघुनाथ मिश्र 'सहज' को हिन्दी काव्य भूषण, डा0 मीताजी शर्मा को हिन्दी भाषा भूषण और डा0 गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल' को हिन्दी साहित्य भूषण की मानद उपाधियों से सम्मानित किया जाएगा।
कोटा के श्री रामेश्वर शर्मा 'रामू भैया' हिन्दी की अंतर्राष्ट्रीयता पर अपना वाचन प्रस्तुत करेंगे तथा अन्य 'हिन्दी हुंकृत' के विषयों पर अपना काव्य प्रस्तुत करेंगे। डा0 आकुल का हिन्दी हुंकृत 'हिन्दी बने विश्व की भाषा, स्वाभिमान की है परिभाषा', 'हिन्दी सबको प्यारी होगी, इसकी छवि उजियारी होगी' उनके ब्लॉग 'सान्निध्य' पर पढ़ा जा सकता है।
साहित्य मंडल, नाथद्वारा द्वारा मुफ्त आवास व भोजन व्यवस्था रहेगी। विभिन्न साहित्यकारों को हिन्दी साहित्य शिरोमणि, हिन्दी साहित्य विभूषण, हिन्दी काव्य भूषण, हिन्दी साहित्य भूषण, हिन्दी भाषा भूषण और श्रीनाथद्वारा रत्न से सम्मानित किया जाएगा। कई नगद राशि से भी कई सम्मान विभिन्न विद्वानों को लंबी हिन्दी सेवा के लिए दिये जायेंगे। सम्मान स्वरूप सभी साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र , श्री नाथजी की हाथकलम की स्वर्णिम छवि, शान, उत्तरीय, श्रीनाथजी का प्रसाद व उपाधि भेंट की जाएगी।
इस समारोह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, तैलंगाना, बिहार, महाराष्ट्र, असम, केरल, पं0 बंगाल से पधारे लगभग 50 से अधिक साहित्यकारों को विभिन्न मानद उपाधियों से सम्मानित किया जायेगा। राजस्थान से लगभग 19 साहित्यकारों में कोटा के श्री जितेन्द्र निर्मोही को हिन्दी साहित्य विभूषण, डा0 रघुनाथ मिश्र 'सहज' को हिन्दी काव्य भूषण, डा0 मीताजी शर्मा को हिन्दी भाषा भूषण और डा0 गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल' को हिन्दी साहित्य भूषण की मानद उपाधियों से सम्मानित किया जाएगा।
कोटा के श्री रामेश्वर शर्मा 'रामू भैया' हिन्दी की अंतर्राष्ट्रीयता पर अपना वाचन प्रस्तुत करेंगे तथा अन्य 'हिन्दी हुंकृत' के विषयों पर अपना काव्य प्रस्तुत करेंगे। डा0 आकुल का हिन्दी हुंकृत 'हिन्दी बने विश्व की भाषा, स्वाभिमान की है परिभाषा', 'हिन्दी सबको प्यारी होगी, इसकी छवि उजियारी होगी' उनके ब्लॉग 'सान्निध्य' पर पढ़ा जा सकता है।
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