ज्वलन्त सम सामयिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समाचारों का झरोखा
गुरुवार, 25 अप्रैल 2013
सान्निध्य: है हक़ीक़त और कुछ
सान्निध्य: है हक़ीक़त और कुछ: समय नहीं है कहना यह नज़ीर बस बतौर है। एकजुट होना ही होगा आँधियों का दौर है। कितनी गिनाएँ खामियाँ कब तलक़ चर्चे करें, हर सियासी दौर मे...
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