'सचिन' एक नाम, एक मान एक सम्मान एक कीर्तिमान। क़दम-क़दम पर जैसे कीर्तिमानों के फूल बिछे जा रहे हों। क्रिकिट में हर रन एक कीर्तिमान था उनका। अब उस दिन देखिए 14 नवम्बर 2013 का दिन। कीर्तिमान लिखने वाले शायद जानते हैं या नहीं लेकिन मैंने इस ऐतिहासिक कीर्तिमान का जोड़ ऐसे बैठाया है। शायद आपको भी अच्छा लगे। 14 नवम्बर को जब सचिन विदाई के आखिरी मैच में उतर रहे थे, उनके साथ एक कीर्तिमान चल रहा था। वे तब तक टेस्ट क्रिकिट में 15847 रन बना चुके थे। यही अंक एक कीर्तिमान बन गया। उनकी आज़ादी का, जिसके लिए आखिरी टेस्ट शृंखला खेली जा रही थी। जी हाँ, इन अंकों को अलग करके देखें 15 8 47 यानि देश की आज़ादी का दिन 15 अगस्त '47। और इस क्रिकिट बाँकुरे का भी आज़ादी का दिन 15-8-47 यानि 15847 रन बनते ही तय हो गया। उसे मूर्तरूप दे दिया गया।
शानदारी 74 रन की ठोस शुरुआत दे कर भारत की जीत प्रशस्त करने में उनका योगदान भी ऐतिहासिक बन गया।
कहते हैं जब ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। और ऐसा ही हुआ। भारत के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' के लिए भी खिलाड़ियों को सम्मान के रास्ते खुल गये। भले ही हॉकी के जादूगर ध्यानचंद भी इस दौड़ में शामिल हैं, किन्तु आज इस हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज के आगे सत्ता ने भी सम्मान से सचिन को भारत रत्न की घोषणा कर एक अनोखा सम्मान दे दिया। अभूतपूर्व कृत्य करने वालों को ही तो दिया जाता है भारत रत्न। खेल में भले ही विज्ञापनों से आमदनी की अथाह बौछार होती है, किन्तु सचिन जैसे बेदाग खिलाड़ी कम ही होंगे।
सचिन को शुभकामनायें देने वाले करोड़ों लोगों में हम क्यों पीछे रहें। आइये इस कीर्तिपुरुष को सलाम करें।
सचिन अनोखा दे गए, एक और सम्मान।
घोषित भारत रत्न से, खुश है हिन्दुस्तान।
खुश है हिन्दुस्तान, करोड़ों का दिल जीता।
तुमने किया कमाल, खेल को मिली सुभीता।
कह 'आकुल' कविराय, अनोखा लेखा जोखा।
पहला भारत रत्न, खिलाड़ी सचिन अनोखा।
APPRECIABLE PRESENTATION. CONGRATS AAKUL.
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