जैसे ही समाचार मिला
मंडेला नहीं रहे। सारी दुनिया स्तब्ध रह गयी। महात्मा गाँधी के आदर्श पर चले दक्षिण अफ्रीकी अश्वेत नेता का छवि वहाँ ही नहीं सारी दुनिया में दूसरे गाँधी की थी। इसीलिए उनसे प्रभावित हो कर हमने उन्हें भारत रत्न से अलंकृत किया था। बापू ने रंगभेद की अपनी यात्रा दक्षिण अफ्रीका से आरंभ की थी। और पूरे विश्व मे यह लड़ाई एक क्रांति लाई और विश्व का परिदृश्य बदल गया। 5 दिसम्बर 2013 को अपनी अनंत या्त्रा को रवाना हुए इस नेता ने अपना आदर्श दुनिया को दिया और जीने का नया मार्ग दिखलाया जिस पर आज शक्तिमान अमेरिका भी चल रहा है। उनके इस सम्मान को
1990 में भारत ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा। सत्य और अहिंसा का यह पुजारी 27 साल जेल में रह कर भी नहीं झुका। उनका आंदोलन जेल से भी प्रतिनिधित्व करता रहा। आज उनकी स्मृति शेष है किंतु वे आज दुनिया के हर एक दिलों में महात्मा की तरह ज़िन्दा हैं और हमेशा रहेंगे। बापू को राष्ट्रपिता का सम्मान मिला और मंडेला राष्ट्रपति पदस्थ हुए। उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।